Sunday, 14 January 2018

बिटकॉइन_निवेश...by...AJIT PANDEy

बिटकॉइन_निवेश
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बिटकॉइन में निवेश करने वालों ने बेशक इसे वैश्विक मुद्रा का नाम दिया है, लेकिन इसमें निवेश करना खतरे से खाली नहीं है।बिटकॉइन को बेचकर असली करेंसी खरीदी जा सकती है तथा इससे कोई सामान भी खरीदा जा सकता है।बिटकॉइन के विषय में सबसे बड़ी समस्या इसका ऑनलाइन होना हैं, क्योंकि सम्पूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसकी सुरक्षा एक बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। इसके चलते इसके हैक होने का खतरा बना रहता है।सबसे बड़ी समस्या इसके नियंत्रण एवं प्रबंधन की है। भारत जैसे कई देशों ने अभी तक इसे मुद्रा के रूप में स्वीकृति प्रदान नहीं की है, ऐसे में इसका प्रबंधन एक बड़ी समस्या है।आर्थिक जानकार भी बिटकॉइन से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हुए कहते हैं कि इसकी तकनीकी जानकारी रखे बिना इसमें में निवेश करने के भारी दुष्परिणाम हो सकते हैं।.पर्यावरण_पर_प्रभावबिटकॉइन से केवल आर्थिक जोखिम ही नहीं जुड़े हैं, बल्कि जानकार इसे पर्यावरण के लिये भी हानिकारक मानते हैं। बिटकॉइन माइनिंग में बहुत अधिक ऊर्जा की खपत होती है। प्रत्येक बिटकॉइन लेन-देन के लिये लगभग 237 किलोवाट बिजली की खपत होती है। इससे प्रतिघंटा 92 किलो कार्बन का उत्सर्जन होता है, जो बोइंग-747 विमान के बराबर है और पर्यावरण के लिये सीधा खतरा है। इसके अलावा इसमें लगने वाले ऊर्जा भार के चलते विश्व में बिजली की कमी भी हो सकती है। चीन और दक्षिण कोरिया ने तो बिटकॉइन माइनिंग करने वालों को बिजली सप्लाई काटने के नोटिस देने शुरू कर दिये हैं।.बिटकॉइन_माइनिंगआभासी दुनिया में बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। यह काम करने वालों को माइनर्स कहा जाता है, जो बिटकॉइन लेन-देन में सहायता करते हैं।.प्रमुख_बिंदुबिटकॉइन बेहद अस्थिर मुद्रा है और सोने की तरह इसके दामों में उतार-चढाव होता रहता है।विगत एक वर्ष में बिटकॉइन की कीमतों में 21 गुना वृद्धि हुई है और इसकी कीमत 17 हज़ार डॉलर प्रति बिटकॉइन से अधिक हो गई है।भारत में बिटकॉइन को न तो आधिकारिक अनुमति है और न ही इसके विनियमन का प्रारूप बना है। इसीलिये देश में इसका प्रसार बैंकरों के लिये चिंता का कारण बना हुआ है।माना जाता है कि भारत में भी बहुत से लोगों ने बिटकॉइन में निवेश किया है, जिसमें बड़ी मात्रा में कालाधन खपाया गया है।वर्तमान में देश में चार बिटकॉइन एक्सचेंज प्रभाव में हैं: ज़ेबपे (Zebpay), यूनोकॉइन (Unocoin), BTCX इंडिया तथा कॉइनसिक्योर (Coinsecure)।इनमें बाकायदा केवाईसी के तहत खाता खोलना पड़ता है। इसके बाद अपने बैंक खाते से उसको जोड़कर भुगतान किया जाता है।आभासी मुद्रा बिटकॉइन की संख्या सीमित है और इसकी कीमतें मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर तय होती हैं। वर्तमान में इसका कुल वैश्विक मूल्य 264 बिलियन डॉलर है।बिटकॉइन की खरीदारी एक क्रिप्टो-करेंसी वालेट से दूसरे क्रिप्टो करेंसी वालेट में की जाती है। कंप्यूटर, टेबलेट, स्मार्टफोन या क्लाउड स्टोरेज में इसे रखा जा सकता है।इसके लेन-देन में किसी का नाम सार्वजनिक नहीं होता, केवल वालेट आईडी की जानकारी ही हो पाती है।शेयरों की तरह बिटकॉइन की ट्रेडिंग के लिये भी एक्सचेंज होते हैं और न्यूनतम 1000 रुपए से ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है। भारत में 10 से अधिक एक्सचेंजों में इसकी ट्रेडिंग होती है।
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AJIT PANDEY


                   

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